★ वर्षा के समय कभी-कभी पूर्व या पश्चिम दिशा मे'इन्द्रधनुष' दिखायी देता है। इन्द्रधनुष क्या है ?
★ वर्षा के समय कभी-कभी पूर्व या पश्चिम दिशा मे'इन्द्रधनुष' दिखायी देता है। इन्द्रधनुष क्या है ?
वर्षा के देवता इन्द्र हैं और इन्द्रधनुष प्रकट होने का अर्थ य होता है कि इन्द्रदेव अपने धनुष सहित नभमण्डल में वर्षा करने क लिए उपस्थित हैं।
सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं। बादलों में वर्षा करने की लिए जल भरा होता है अर्थात् बादल जल वाष्प होता है जिस पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं
तो बादल की सतह सेटकराकर परावर्तित होती हैं और इन्द्रधनुष (सप्तरंगी) के रूप में आकाश में दिखायी देती है।बादलों से टकराकर जब सप्तरंगी इन्द्रधनुष का निर्माण होता है तो लोग आसानी अनुमान लगा लेते हैं कि अभी बादल छाये हुए हैं। और वर्षा होगी ।
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