★ बेड या तख्त पर सोने से क्या होता है और चारपाई पर सोने से क्या होता है ?
बेड या तख्त पर सोने से क्या होता है और चारपाई पर सोने से क्या होता है ?
प्राचीन काल से ही ऋषि महर्षि लोगों को यह समझाते आ रहे हैं कि लकड़ी के बने तख्त पर सोओ । तख्त पर सोना लाभदायक हैं
किन्तु लोग ऋषि-मुनियों की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे । समझने का प्रयास नहीं करते थे कि व्रती-उपवास करने वालों के लिए विशेष रूप से हिदायत देते थे कि व्रती आदमी को चारपाई पर सोना वर्जित है । ऐसे लोग सिर्फ तख्त पर सोयें । प्रश्न उठता है
कि पूजा-पाठ या व्रत-उपवास करने वाले व्यक्ति को ही तख्त पर सोना चाहिए या हर किसी उपवास करने वाले व्यक्ति को ही तख्त पर सोना चाहिए या हर किसी को । व्रती आदमी भोजन नहीं करता सिर्फ अल्पाहार (फल आदि, जूस) करता है । पूरा भोजन न करने से शक्ति क्षीणता का अनुभव होता है
जिस कारण आलस्य अधिक आता है । आलस्य कम उत्पन्न हो, इसके लिए तख्त पर सोना उत्तम है। चारपाई पर सोने से बहुत अधिक आलस्य आता है कारण किचारपाई ढीली ढाली होती है और तुरन्त ही शरीर को अधिक आराम मिलता है। आलस्य का यह एक कारण है ।
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