★ क्या पृथ्वी को माता कहना उचित है ?


  क्या पृथ्वी को माता कहना उचित है ?




गर्भ धारण करके माता अपने बच्चे का भार ढोती है। नौ मही
ने बाद बच्चे का जन्म होता है

और जन्म दिन से ही पृथ्वी उस बच्चे का भार अपने ऊपर ले लेती है अर्थात् प्रसव के बाद पृथ्वी उस बच्चे का पालन-पोषण, खेलना-कूदना, हँसना-रोना सभी कुछ होता है। नौ मीने बच्चे को अपने पेट में लिये हुए जो स्त्री वुमती है वह उस बच्चे

को माता कहलाती है जबकि बच्चा जब जन्म लेता है उसी दिन से उसका भार सारी उम्र पृथ्वी होती है। पृथ्वी की गोद में बच्चा धीरे-धीरे जवान होता है

जवानी के बाद वृद्धावस्था आती है ओर इन्सान अन्त में मृत्यु को प्राप्त होकर मिट्टी में मिल जाता है अन्त समय में पृथ्वी अपने बच्चे को अपनी गोद में छिपा लेती है। 

इस तरह जन्म देने वाली भी माता है और पृथवी भी माता है। अतः हर दृष्टिकोण से पृथ्वी को माता कहना उचित है।

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